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ज़र्जर सड़क ,बदहाल विधि व्यवस्था : सूर्य मंदिर कन्दाहा

सहरसा। अति प्राचीन कन्दाहा के सूर्य मंदिर की प्रशासनिक उपेक्षा लगातार जारी है। सूर्य मंदिर तक जाने वाली गोरहो-कन्दाहा मार्ग बुरी तरह जर्जर है। आलम यह है कि पैदल चलने से भी लोग परहेज करते हैं।

इस संबंध में पंचायत के युवा मुखिया राहुल राज का कहना है कि कन्दाहा के प्राचीन सूर्य मंदिर एवं यहां के कुंआ के औषधियुक्त गुणों से युक्त होने के कारण सालों भर यहां आने वाले यात्रियों का तांता लगा रहता है। परन्तु दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि बिहार सरकार के संरक्षित पुरातात्विक स्थलों की सूची में शामिल होने के 24 वर्षों के बाद भी उक्त स्थल के विकास की सरकारी योजना धरातल पर नहीं लायी जा सकी। इस संबंध में पुजारी रुद्रानंद झा (लेखक - सूर्य मंदिर कन्दाहा : एक संक्षिप्त परिचय ), जवाहर झा, बाबूकांत झा, हीरा झा का कहना है कि इस प्राचीन सूर्य मंदिर की दिशा में प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण ही बिहार सरकार के द्वारा ग्रामीण पर्यटन क्षेत्रों के लिए चलायी जाने वाली विभिन्न योजनाओं का लाभ उक्त स्थल को नहीं मिल पा रहा है। और साथ ही हाल ही में अवैध तरीके से हुए न्यास समिति के गठन से पूरे प्रदेश में रोष व्याप्त है I

सतरवार के शंकर झा, चन्दन झा, गोरहो के मनोज कुमार सहित अन्य का कहना है कि जर्जर सड़क के कारण कन्दाहा तक जाने की इच्छा होते हुए भी नहीं जा पाते हैं।

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